***भ्रष्ट तंत्र में बेखौफ अपराधी ***
संतोष पांडेय स्वदेशी चेतना मंच इन्साफ जालिमों की हिमायत में जायेगा… ये हाल है तो कौन अदालत में जाएगा.. दस्तार नोंच नाच के एहबाब ले उड़े… सर बच गया है ये भी शराफत में जायेगा… दोजख के इंतजाम में उलझा…
कानपुर का मोस्टवांटेड अपराधी विकास दुबे ने उज्जैन में किया सरेंडर
मडियाहूं LIVE एनकाउंटर के सातवें दिन विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि स्थानीय मीडिया और पुलिस के सामने उसने सरेंडर किया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद ही विकास…
कही शिक्षा अपशब्द न बन जाय
संतोष पांडेय स्वदेशी चेतना मंच अलीबाबा inc के सीईओ जैक मा ने कुछ समय पहले एक बात कही थी -,” यदि आप बंदर के सामने कुछ केले और ढेर सारा रुपया रख देंगे तो तो बंदर निसंदेह केले को उठाएगा…
अब के सजन सावन में
*****अब के सजन सावन में ***** (संतोष पांडेय -स्वदेशी चेतना मंच) बात कुछ पुरानी हो चली है । वर्ष2005 , आषाढ़ का महीना था ,दैनिक अखबार के लखनऊ संस्करण में सावन पर एक लेख छपा था । इस लेख में…
विकास की बर्बर प्रवृत्ति और उजड़ते गाँव
*विकास की बर्बर प्रवृत्ति और उजड़ते गाँव* संतोष पांडेय ,स्वदेशी चेतना मंच तितलियों के लाखों रंग बूढ़े बरगद की ठंडी छांव , लहलहाते खेत जिंदा है.. मेरा गांव चिलचिलाती धूप जलते पांव घने बरगद के नीचे आराम करता गाँव जलते…
” वह सुखी था क्योंकि वह संतुष्ट था ,वह संतुष्ट था इसीलिए वह सुखी था “
एक कहानी — एक प्रेरक प्रसंग संतोष पांडेय ,स्वदेशी चेतना मंच जब समचारो की पुनरावृत्ति होने लगती है तो मानो जीवन ठहर सा जाता है । ऐसा प्रतीत होने लगता है कि हम भूलभुलैया में ऐसे फस गये कि जिस…
कोरोना संकट में एक मजदूर की चिट्ठी
संतोष पांडेय स्वदेशी चेतना मंच समय का भी क्या तल्ख नजरिया है कि कब किसी मजबूर को मजदूर बना दे और किसी क्षण किसी मजदूर को इतना मजबूर कर दे वह ऐसा कुछ कर गुजरे की जिसे वह नही करना…
महामारियां हमारी नियति क्यो बनती जा रही है ?
महामारियां हमारी नियति क्यो बनती जा रही है ? संतोष पांडेय मड़ियाहूं लाइव कुत्ते ,बिल्ली , बिधवा, संत एवं भूखे प्राणी का विलाप कभी खाली नही जाता । हमारी परम्पराए अनादि काल से इस बात की साक्षी रही है कि…
जीवन मे आखिर पैसे के बाद क्या ?
संतोष पांडेय फ़िल्म राम तेरी गंगा मैली में नायक राजीव कपूर अपने चाचा सईद जाफरी से पूछता है कि ऐसी कौन सी चीज थी जिसने आपको सारे समाज को छोड़ने पर मजबूर कर दिया ,आपने बाउदी के खातिर कोठे पर…