मुगलसराय से चहनिया मार्ग इतनी खराब हो चुकी है कि पैदल चलना भी जोखिम भरा
जनपद की तमाम सड़कें बदहाल बदहाल पड़ी हुई है। कहीं गिट्टी डालकर छोड़ा गया है तो कहीं गड्ढों में सड़क तब्दील हो चुकी है,कही नाबदान का पानी मुख्य सड़क पर पसर रहा है। जो राहगीरों के लिए मुसीबत भरी साबित हो रही है। जान जोखिम में डालकर अवागमन करने को राहगीर विवश है।
नक्सल प्रभावित व पिछड़ा जनपद ले बदहाल सड़कें राहगीरों के लिए मुसीबत बन चुकी है। आए दिन दुर्घटना का राहगीर शिकार बन चुका है। मुगलसराय से चकिया मार्ग लगभग एक दशक से पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है ।पटपरा,कैली,डेरवा कला सहित तमाम गांव के घरों के नाबदान का पानी मुख्य सड़क पसरने से सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। कमोबेश यही हालात है गंजख्वाजा सदलपुरा मार्ग,सरेसर धुसखास मार्ग सहित दर्जनों सड़कों की बनी हुई है। टड़ियां गांव निवासी डॉ शिव कुमार यादव यादव ने बताया कि मुगलसराय से चहनिया मार्ग इतनी खराब हो चुकी है कि पैदल चलना भी जोखिम भरा साबित हो रहा है। आए दिन राहगीर सड़क पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कैली निवासी श्रवण यादव ने बताया कि क्षेत्र की तमाम सड़कें बदहाल हो चुकी है। जिस पर चलना राहगीरो के लिए मुसीबत भरा साबित हो रहा है। जिसको बनाने का जहमत तक विभागीय अधिकारी नहीं उठा रहे हैं। पक्खोपुर गांव निवासी दिनेश प्रधान ने बताया कि मुगलसराय चहनिया मार्ग पर हम लोगों का गांव पड़ता है। लेकिन मुगलसराय चलिए या चहनिया बाजार सभी तरफ आवागमन करना जोखिम भरा साबित हो रहा है। बड़े-बड़े बने गड्ढे रात के अंधेरे की बात तो दूर दिन के उजाले में भी नहीं दिख रहे हैं।टड़ियां उर्फ कैथापुर गांव निवासी उदय भान सिंह ने बताया कि मुगलसराय चहनिया मार्ग पर तमाम गांव के घरों का नाबदान का पानी पसरने से सड़क जलाशय में तब्दील होती जा रही है। जिस पर फिसल कर आए दिन राहगीरों गिरकर चोटिल हो रहे हैं।