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श्रीमद्भागवत कथा से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग की होती है प्राप्ति
*श्रीमद्भागवत कथा से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग की होती है प्राप्ति*
पवारा,जौनपुर।स्थानीय पवारा थाना क्षेत्र के खरुआवा,पांडेयपुर गांव में चल रही सप्त दिवसीय भगवत कथा के पहले दिन की कथा में अवधरत्न देवेंद्र जी महाराज ने कहा की हमें भागवत शब्द के विच्छेद से पता चलता है। भ-भक्ति, ग-ज्ञान, व-वैराग्य और त-त्याग यानी जो कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकर त्याग, तपस्या के मार्ग से मोक्ष तक ले जाए वो होती है। भागवत कथा जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीता हमें कार्य करने का उपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमें मरना सिखाती है। हमें जीवन के अंत समय में किस तरह और क्या कार्य करने चाहिए इस कथा से सीखने को मिलता हैं। कथा के पहले दिन उन्होंने तीन अध्यायों के माध्यम से जीवन जीने के बारीकियां बताई। उन्होंने कहा की जो जीवन में आने वाली समस्याओं से भागता है, उसे समस्याएं अपने नजदीक खींच लेती है इसलिए भागवत उपदेश देती है की समस्याओं से भाग मत यानी इन समस्याओं पर विजय प्राप्त कर। भागवत कथा के संयोजक रोहित पांडेय व विपिन पांडेय ने बताया कि कथा का आयोजन पांडेय परिवार द्वारा कराया जा रहा है। जिसकी पूर्णाहुति 15 अप्रैल को होगी।