पांच दिवसीय श्रीमद् भगवत कथा के अमृत वर्षा के अंतिम दिन
पांच दिवसीय श्रीमद् भगवत कथा के अमृत वर्षा के अंतिम दिन
मड़ियाहूँ पांच दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अमृत वर्षा के अंतिम दिन मुंबई के कथावाचक निलेश महाराज ने ग्राम लोरिका के संकट मोचन मंदिर के प्रांगण में कथा के भगवान देवकीनंदन के बाल्यकाल की कथा सुना कर श्रोताओं को भाव रस में बांधे रखा।इन्होंने प्रेम रस का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया श्री कृष्ण जब गोपियों के संग रास रचाते थे हर गोपी अपने को श्री कृष्ण के संग ही पाती थी। जितनी गोपियां थी उतने ही नंदलाल होते थे गोपियां भगवान की आत्मा थी उनमें और प्रभु में कोई अंतर नहीं था।परमात्मा तो प्रेम का भूखा है भाव का भूखा है राधा के प्रेम को भी दर्शाते हुए उन्होंने बताया जब गोकुल छोड़कर के भगवान मथुरा जाने लगे तो राधा ने बचा लिया कि जब इस धरती को मैं क्या करूंगी उसके पूर्व एक बार आपको आना होगा। भगवान ने भी वचन लिया इन आंखों में कभी आंसू नहीं आएंगे इसी प्रकार कथावाचक ने प्रेम रस की धारा बहाते हुए भक्तों को आनंदित करते हुए बताया कि कैसे कैसे भगवान ने इस धरती का भार हटाने के लिए कंस जरासंध तमाम राक्षसों का नाश किया और कराया। मित्रता की पराकाष्ठा की लीला के लिए सुदामा की कथा को भी बड़ी रोचकता से सुनाया और अंत में भगवान ने इस पृथ्वी पर धर्म की स्थापना किया। कथा कहते कहते कथावाचक ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया अंत में भगवान कुंज बिहारी की आरती किया गया प्रसाद वितरण हुआ इस मौके पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य ब्रह्मदेव मिश्रा, भाजपा मछली शहर के जिलाध्यक्ष रामविलास पाल, भाजपा जिला कार्यकारिणी के सदस्य पं. राज कृष्ण शर्मा, छोटे लाल यादव, ग्राम प्रधान भैया लाल कनौजिया,अरुण कुमार यादव, अरविंद कुमार यादव, संजय माली, प्रधानाचार्य सौरभ कुमार यादव,दूधनाथ यादव सहित अनेक लोग उपस्थित थे।अंत में कार्यक्रम के आयोजक पूर्व प्रधान एवं प्रबंधक श्रीराम यादव ने समस्त आगंतुकों और कथा में सहयोगीयों का धन्यवाद ज्ञापित किया।