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आजमगढ़। गैंगस्टर के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी गुरुवार को खारिज कर दी।

गैंगस्टर कोर्ट के जज जितेंद्र यादव ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के कोबाद अर्जी खारिज की। मुख्तार अंसारी की तरफ से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया कि वे एक लोकप्रिय विधायक हैं। राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। जबकि अभियोजन पक्ष की तरफ से कहा गया कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर कुल 55 आपराधिक मुकदमे हैं ऐसे में जमानत पर छोड़ा जाना ठीक नहीं होगा। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद गैंगस्टर कोर्ट के जज जितेंद्र यादव ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता विनय मिश्रा तथा संजय द्विवेदी ने पैरवी की।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्तार गिरोह ने 6 फरवरी 2014 को तरवां थाना क्षेत्र के एरा कला पोखरे के पास बिजई के घर के सामने ठेकेदारी का काम कर रहे मजदूरों के ऊपर स्वचालित असलहे से गोलीबारी की। जिसमें एक मजदूर राम इकबाल पुत्र मोहन की तत्काल मौत हो गई, वहीं पांचू पुत्र रामजतन गंभीर रूप से घायल हो गया। इसी मुकदमे के बाद मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। मामले की विवेचना मेहनगर थाना क्षेत्र के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रशांत श्रीवास्तव को विवेचना सौंपी गई। विवेचना के बाद न्यायालय ने अक्तूबर 2020 में मुख्तार अंसारी को इस मुकदमे में तलब किया। पंजाब के रोपड़ जेल में होने के नाते मुख्तार की तलबी इस मुकदमे में नहीं हो पाई। इस वर्ष 22 अप्रैल को मुख्तार अंसारी जब बांदा जेल लाया गया तब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार अंसारी को इस मुकदमे में न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।

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