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महुली मंडी में बंद कैमरे की आड़ में चल रहा कमाई का खेल
महुली मंडी में बंद कैमरे की आड़ में चल रहा कमाई का खेल
सूत्र/चिलबिला/प्रतापगढ़
महुली मंडी में कैमरे की आड़ में खेल हो रहा है। मंडी के भीतर गाड़ियों के प्रवेश करने में गड़बड़झाला किया जा रहा है। इसकी भनक मंडी अफसरों को लगी तो वह सचिव को फटकार लगाए। वहीं अफसरों ने मामले को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें कई कर्मियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।शहर स्थित महुली वार्ड में ही महुली मंडी है। मंडी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आठ कैमरे लगाए गए हैं। मंडी के भीतर हकीकत में कितने वाहन प्रवेश कराए जा रहे हैं, इसकी सही जानकारी शीर्ष अफसरों को नहीं मिल पा रही है। कैमरा खराब होने का कारण बताकर कर्मी समेत खेल कर रहे हैं। हाल में ही प्रयागराज जिले में मंडी समिति के डिप्टी डायरेक्टर हिमांशु शेखर ने समीक्षा की थी। कई कैमरे बंद पाए जाने पर मंडी सचिव रमेश चंद्र पांडेय को फटकारा था। सचिव ने अपना बचाव करते हुए कहा कि आठ में से तीन कैमरा खराब चल रहा है। अफसर ने सचिव को सचेत करते हुए कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा। इस मामले में अफसर ने सचिव का वेतन रोक दिया है। इसके अलावा प्रतिदिन मंडी में प्रवेश दिए जाने वाले वाहनों का ब्योरा भी मांगा है। जांच की आंच में कई कर्मी भी झुलस सकते हैं। मंडी सचिव ने बताया कि तीन कैमरा खराब चल रहा है। इसकी सूचना विभाग को दी गई थी।
इस तरह होता है खेल
महुली मंडी में खासकर फल व सब्जी से लदे ट्रकों का ही प्रवेश दिया जाता है। चालक सब्जी व फल लेकर व्यापारी के पास जाते हैं। व्यापारी उसे गोदाम पर ही उतारते हैं। इसके बाद व्यापारी उसकी बिक्री करते हैं। इसके बाद वह बिक्री बाउचर मंडी के गेट पर जमा करते हैं। इसमें बिक्री बाउचर के हिसाब से व्यापारी से मंडी शुल्क जमा कराया जाता है।
शुल्क जमा करने का मानक
मंडी समिति के अनुसार गल्ला, आलू, प्याज, टमाटर, मिर्च, अदरक, मिर्च, नीबू आदि सब्जियों का डेढ़ प्रतिशत टैक्स मंडी में जमा करने का प्रावधान है। जबकि गोभी समेत अन्य कई सब्जियों पर एक प्रतिशत ही टैक्स जमा करने का नियम है। बिक्री बाउचर के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। इसमें व्यापारी से लेकर कर्मी तक शामिल हैं।
मुंडेरा मंडी से आती हैं अधिकांश सब्जियां
वैसे तो काफी सब्जियां प्रयागराज के मुंडेरा मंडी से आती हैं। जबकि, आलू कन्नौज से, प्याज नासिक से मंगाई जाती है। एक दिन में आलू, टमाटर, प्याज, फल से लदे करीब दो दर्जन ट्रकों का प्रवेश मंडी में होता है।