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हाइवे पर काल बनकर घूम रहे आवारा पशु आवारा पशुओं की तरफ प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारी भी नहीं दे रहें हैं ध्यान
हाइवे पर काल बनकर घूम रहे आवारा पशु
आवारा पशुओं की तरफ प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारी भी नहीं दे रहें हैं ध्यान
इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना जान जोखिम मे डालने से कम नहीं
विश्वनाथगंज/प्रतापगढ़
रात्रि मे खुलेआम घूम रहे आवारा पशुओं से आये दिन हो रहे हैं हादसे।आलम यह है कि दिन मे इन पशुओं को देखकर वाहन चालक अलर्ट हो जाता है लेकिन रात्रि मे वाहन इनके नजदीक पहुँचता है तो अक्सर हादसा हो जाता है।एक माह के अंदर लगभग दस से पंद्रह हादसे इन्ही आवारा पशुओं की वजह से हो चुका है।इनमे कभी आवारा पशु की मौत हो जाती है तो कभी वाहन सवार घायल होता है या उनकी भी मृत्यु ही जाती है।इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं
अभी तक गावों और खेतो में आवारा पशु बहुतायत में दिखाई पड़ते थे लेकिन अब किसानों द्वारा पशुओं को जबरन खदेड़ा जाता है तो यह हाइवे पर आ धमकते हैं।अब ये पशु दिनभर चरने के बाद रात्रि होते ही हाइवे की ओर रूखकर सड़क पर बीचोबीच आ जाते हैं।हाईवे पर वाहनों का आवाग़मन ज्यादा होने के कारण एक तो रोड पर बैठे पशुओ को हवा भी मिलती रहती है और गर्मी से निजात भी मिलता है।दूसरे मच्छर आदि भी कम लगते हैं।इससे हाइवे पर पशुओं का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। साथ ही हादसे भी बढ़ते जा रहे हैं। इसका खामियाजा हाइवे से गुजर रहे लोगो को ही उठाना पड़ रहा है।आखिर प्रशासन इतना उदासीन क्यों बना है।यह चर्चा का विषय है।