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#PRATAPGADHNEWS:वी वांट इंग्लिश मीडियम, स्टेट डिसीजन इज नाट फेयर

वी वांट इंग्लिश मीडियम, स्टेट डिसीजन इज नाट फेयर

प्रतापगढ़
वी वांट इंग्लिश मीडियम, वी वांट इंग्लिश मीडियम, स्टेट डिसीजन इज नाट फेयर, यह दैनिक जागरण नहीं अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चे बोल रहे हैं। उनका कहना है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद न किया जाए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय उनके भविष्य को अंधकार करने वाला है। अपने निर्णय पर विचार करे।सूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने हाल ही में कानपुर के एक विद्यालय के कार्यक्रम में कहा था कि प्रदेश सरकार अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत नगर और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को एक कैडर में किया जा रहा है। मातृभाषा हिदी को महत्व दिया जाएगा। जब बेसिक शिक्षा मंत्री का यह बयान अखबारों में प्रकाशित हुआ तो जिले में चलाए जा रहे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बच्चों व अभिभावकों में आक्रोश फैल गया। उनका कहना था कि उन्होंने कान्वेंट स्कूलों से नाम कटा कर बड़े अरमान के साथ परिषदीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नाम लिखाया था। अब यदि अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई स्कूलों में बंद की जाती है तो उनकी पढ़ाई चौपट हो जाएगी। ऐसे में सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह के बच्चों ने शनिवार को एक साथ इसका विरोध किया। वह हाथों में पट्टिका लिखकर सामूहिक रूप से इसका विरोध करने लगे। कहा कि वी वांट इंग्लिश मीडियम, वी वांट इंग्लिश मीडियम। उनके चेहरे पर उदासी और गुस्सा साफ दिख रहा था।

बंद न किए जाएं अंग्रेजी माध्यम स्कूल

अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बंद न किए जाएं। सरकार अपने निर्णय पर विचार करे। इससे उनकी पढ़ाई चौपट हो जाएगी। अंग्रेजी माध्यम से पढ़कर हम नर्सरी स्कूलों को मात दे रहे थे।

दीपांशु त्रिपाठी, कक्षा आठ

माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरागुलाब सिंह के प्रधानाध्यापक मोहम्मद फरहीम ने बड़ी मेहनत करके बच्चों को इस योग्य बनाया है कि वह आज फर्राटे के साथ अंग्रेजी बोलते हैं। हमने अपने तीन बच्चों का नर्सरी स्कूल से नाम कटाकर इस विद्यालय में नाम लिखाया था।

उमेश कौशल, अभिभावक

मेरा विद्यालय अंग्रेजी माध्यम होने के कारण कक्षा छह, सात, आठ में नामांकन बढ़कर तीन सौ के पार हो गया है। सभी जगह अभिभावक अपने बच्चों को कान्वेंट से निकालकर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं। हिदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में प्रवेश का विकल्प होना चाहिए।

मो. फरहीम राज्य अध्यापक पुरस्कृत

शासन से अभी कोई आदेश अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने का नहीं आया है। बेसिक शिक्षा मंत्री का कानपुर में दिया गया बयान उन्होंने भी पढ़ा है, जब तक कोई शासन का आदेश नहीं आता तब तक वह कुछ भी कहने में असमर्थ हैं।

सुधीर कुमार सिंह, प्रभारी बीएसए

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