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ताला तोड़कर सामान उठा ले गए चोर,एक सप्ताह बाद भी नहीं दर्ज़ हुई एफआईआर

रिपोर्ट शैलेन्द्र प्रताप सिंह

जेठवारा/प्रतापगढ़

अपराध ऐसा शब्द जो किसी भी सभ्य समाज में एक कोढ़ के समान है।यह समाज के लिए अभिशाप है।जहां पर अपराध और अपराधिओं का बोलबाला हो वो समाज कभी तरक्की नहीं कर सकता।कभी सुख,चैन, शान्ति से नहीं रह सकता है।यह विशेष जिम्मेदारी हमारे देश में निभाती है पुलिस।
लेकिन लगता है कि अपराधी तथा पुलिस दोनों एक ही नाव की सवारी कर रहें हैं।अन्तरमात्र इतना है कि आपराधिक व्यक्ति समाज को अपराध करके भयक्रांत करता है और पुलिस कानून की रक्षक बनकर।
इन बातों को सच साबित करने के लिए आपको हजारों उदाहरण मिल जायेंगें।फिलहाल इसका एक ताज़ा उदाहरण है जनपद के जेठवारा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली पुलिस चौकी कटरा गुलाब सिंह का।

ये है पूरा मामला
हुआ कुछ यूं कि ग्रामसभा गंभीरा का एक पुरवा है कोइलहवा।जहां पर पीड़ित उदय बहादुर पटेल का परिवार रहता है।दिनांक 10/08/2021 को रात में तेज़ बारिश हो रही थी।पूरा परिवार एक दूसरे कमरे में सोया हुआ था। लाइट भी नहीं थी।करीब आधी रात के बाद बारिश और तेज होने लगी।लाइट न होने की वजह से हर तरफ़ अंधेरा छाया था।सुबह जब घर के लोग उठे तो देखा कि सामने वाले दरवाजे का गेट खुला था।अन्दर जाकर देखा तो पता चला कि कमरे का ताला टूटा है। सारा सामान बिखरा पड़ा है और आलमारी,बक्से का भी ताला तोड़कर नगदी, जेवर समेत लाखों का सामान गायब है।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित को ही बताया दोषी
पीड़ित ने मामले की सूचना जब पुलिस को दी तो चौकी से दो सिपाही आए और मौका देखकर उदय बहादुर और उसकी पत्नी को ही डांटते और धमकाते हुए कहने लगे कि तुम्हारा आरोप बिल्कुल गलत है तुम लोग ये सब नाटक खुद ही किए हो,जबकि घटना स्थल से ली गई तस्वीरें और वीडियो सारी हकीकत बयां कर रहीं हैं।पीड़ित के मुताबिक़ उसने इस मामले की सूचना थाना जेठवारा और चौकी दोनों जगह पर दी है लेकिन अभी तक उसकी एफआईआर तक दर्ज़ नहीं हुई है।
ऐसे में पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठना लाज़मी है।
क्या गरीब आम आदमी को न्याय पाने का भी हक नहीं रह गया।इस दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में यह यक्ष प्रश्न बनकर शासन और प्रशासन के सामने खड़ा हुआ है।

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