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नहरों में उड़ रही धूल, सूख रही धान की पौध
नहरों में उड़ रही धूल, सूख रही धान की पौध
पट्टी, प्रतापगढ़।धान की रोपाई के समय नहरों में पानी नहीं है। अधिकतर नहरें सूखी हैं तो कुछ में पानी आया भी जरूरत से बेहद कम। ऐसे हालात में किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। कई किसान ऐसे रहे जिन्होंने शुरुआती बारिश में रोपाई कर दी, अब उनकी पौध खेत में पानी के अभाव में सूख रही है। खेत की भराई तो दूर नर्सरी को सूखने से बचाने में किसानों को मशक्कत करनी पड़ रही है। नहर वाले इलाकों में सबमर्सिबल व पंपिग सेट का अभाव है। ऐसे में समस्या और भी गंभीर है। कई किसान खुद पंपिंग सेट लगाकर खेत की भराई कर धान की रोपाई कराने में जुटे हैं। हालांकि डीजल के दाम महंगे होने से ऐसा करना सब के बस की बात नहीं। सिंचाई विभाग का अपना अलग रोना है। अधिकारी इस बात को तो मानते हैं कि इस समय पानी की सबसे अधिक जरूरत किसानों को है लेकिन जरूरत के हिसाब से इसकी उपलब्धता न होना प्रमुख वजह है। दूसरी तरफ धान की नर्सरी बेकार होने का किसानों को डर सता रहा है।
अब बारिश का भरोसा
पट्टी इलाके की नहरों में पानी अब तक नहीं आया है। नहर में समय से पानी की उपलब्धता के चलते किसानों ने सबमर्सिबल लगाया है। बारिश ना होने से तालाब व गड्ढों में भी पानी नहीं है। ऐसे में अब किसान धान की नर्सरी को खेत में कट्ठा कर किसी तरह जीवित किए हैं। कुंदनपुर के भागेलु चौरसिया का कहना है कि धान की पौध को किसी तरह सूखने से बचाया जा रहा है बारिश होते ही इसकी रोपाई कराई जाएगी।
इनका कहना है…
नहरों में पानी छोड़ा गया है लेकिन जरूरत के अनुसार पानी की उपलबधता नहीं है। कम पानी आने से यह तलहटी से ऊपर नहीं आ रहा है। ऐसे में बहुत से किसान सिंचाई करने के लिए बंधा बना लिया है। इससे नहर में आगे पानी नहीं पहुंच रहा है। अधिक पानी की उपलब्धता के लिए डिमांड भेजी गई है।