अध्यक्ष ठेकेदार केआपसी बन्दर बांट की लडाई में डेली बेज लेबरों के घर खाने के लाले।
मडियाहूँ स्थानीय नगर पंचायत अध्यक्ष रुकसाना के तानाशाही रवैये से ठेकेदार के माध्यम से और ठेकेदार के लिस्ट से डेली 308-00 रुपये प्रति दिन पर काम करने वाले सफाई कर्मीं. वाहन चालक, वाटर सप्लाई पम्प आपरेटर,व अन्य काम करनें वाले लेवरों को दो माह से उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचने से सभी कर्मचारी भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके है।
नगर पंचायत बडे बाबू अमरनाथ विश्वकर्मा से इस सम्बंध में पूछा की इन डेली बेज कर्मचारियों का ठेकेदार कौन है तो उन्होने बताया की इन कर्मचारियों का ठेकेदार ज्ञान चन्द यादव है।वहीं नगरपंचायत से पैसा ले कर इन कर्मचारियों के खाते मे जमा करता है।दो माह से अध्यक्ष ठेकेदार को पैसा नहीं उपलब्ध करा रही हैं। जिसकी वजह से कर्मचारियों को बेतन नहीं मील रहा।
बाबू ने यह भी बताया की ठेके की अवधि समाप्त हुये लगभग एक वर्ष से अधिक हो चुका है। दो माह पूर्व भी अध्यक्ष ने बगैर ठेके के ठेकेदार से ही कर्मचारियों का बेतन भुगतान किया और करायां था। आज अध्यक्ष और ठेकेदार के बीच बन्दरबांट में कुछ न कुछ मामला है।जिसकी वजह से नया ठेकेदार रखने की तैयारी करके बगैर
न्युज पेपर मे विज्ञापन छपवाये गुप्त अपने कीसी चहेते ठेकेदार का आनलाइन टेन्डर मंगवा लिया है। और नगपंचायत अधिशासी अधिकारी डा.संजय सरोज का सहमति हस्ताक्षर चाहती है।
इस सम्बंध मे अधिशासी अधिकारी डा.संजय सरोज से बात करने पर उन्होंने बताया कि शासनादेश आ चूका है की कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए पुराने जो पहले से लेबर ठेकेदार ठेका चला रहे है उन्हीं का ठेका चलने दिया जार किसी प्रकार का कोई बदलाव यानी नया ठेका नहीं किया जायेगा।और जब तक कोई नया शासनादेश नहीं आ जाता तब तक पूराने लेबर ठेकेदार की ठेकेदारी समाप्त नहीं की जा सकती। मगर अध्यक्ष इस शासनादेश को दर किनार करतें हूए। हमारे उपर दबाव बना कर अपने चहेते ठेकेदार के टेन्डर को खुलवांकर ठेका देना चाहती है। जो कानून गलत है।और शासनादेश का उलंघन करना है।मेरे द्वारा पुर्व से चले आ रहे ठेकेदार के दो माह के भुगतान के पेपर पर भुगतान के लिए सहमति हस्ताक्षर कर के ठेकेदार व बाबू को सौंप दिया है अब अध्यक्ष को हस्ताक्षर करके ठेकेदार द्वारा लेबरों के खाते मे पैसा भेजना है।
संवाददाता नसीम अहमद ने अध्यक्ष रुकसाना के मोबाइल न. पर दर्जनों बार रिंग कर बात करने की कोशिश की मगर घंटी बजती रही उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया।
ज्ञान चन्द ठेकेदार से बात करनें पर ठेकेदार ने बताया की 64 डेली बेज लेवरों का 308-00 प्रति लेबर के हिसाब से लेबरों के खाते मे मेरे द्वारा जमा किया जाता रहा है इन राशियों के अलावा हमको
अध्यक्ष द्वारा जो 64 लोंगों का लिस्ट दिया जाता है हम उसी लिस्ट के हिसाब से उनके खातों मे पैसा जमा कर देते है।हम न लेबर रक्खा है न मै किसी लेबर को पहचानता हूँ।बस अध्यक्ष के आदेशों का पालन करता हूँ।
अध्यक्ष ठेकेदार केआपसी
बन्दर बांट की लडाई में डेली बेज लेबरों के घर खाने के लाले।