****क्या लोगो के मन से कानून का भय समाप्त हो रहा है ?***
मडियाहू लाइव
दो दिन पहले एक घटना हुई – -ग्राम कुत्तूपुर, पोस्ट छंगापुर ,थाना नेवढ़िया , दो सगे भाई रामासरे यादव एवं रामसहारे यादव में अपनी पुस्तैनी जमीन को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था । छोटे भाई रामसहारे ने अपने बड़े भाई रामआसरे से जमीन को प्रेम से बांट लेने के लिए कई बार कहा , परन्तु रामआसरे इस पर कोई ध्यान नही देता था । इस बात को लेकर उनकी पत्नियों में अक्कसर झगड़ा होता रहता । रामसहारे मुम्बई में रहता है ,lockdown में आजकल गांव आया हुआ था ,दो दिन पहले किसी बात को लेकर उनके बीच कहा सुनी हो रही थी ,रामआसरे और उसके बेटे ने रामसहारे को लाठी से मार -मार कर मरणासन्न कर दिया । खून से सने हुए रामसहारे किसी अपने की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर पहुचते है और अपना मेडिकल करवाते है । मेडिकल रिपोर्ट को लेकर रामसहारे नेवढ़िया थाने पहुंचे वहां पर उन्होंने अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई । राम सहारे को जितनी चोट लगी थी ,वो ipc की धारा 307 में पंजीकृत होनी चाहिए थी पर ,थाने की महिमा ऐसी उसकी रिपोर्ट को कुछ कमतर धाराओ में पंजीकृत कर दिया गया । इसके बाद
राम सहारे की तबियत खराब होती गयी ,वो मडियाहू के किसी अस्पताल में इलाज करा रहा है ,उसके सर में इतनी बुरी तरह से मारा गया है कि वो रह-रह कर बेहोसी की हालत में पहुंच जा रहा है । थाने से अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई ,इन बीच के दिनों में राम सहारे केवल भाऊ पुर चौकी और नेवढ़िया थाना करता रहा लेकिन किसी भी क्रार्यवाही का आश्वाशन उसे नही मिला । इधर राम आसरे स्वतंत्र होकर छोटे भाई राम सहारे को लगातार और बुरा करने की धमकी दे रहा है । ये मुमकिन है जिन धाराओ में राम आशरे को पंजीकृत किया गया है, उसे जमानत भी मिल जाये ।
मैं इस मंच से मडियाहू क्षेत्राधिकारी महोदय से निवेदन करता हु आप इस मामले को संज्ञान में ले और उचित कार्यवाही करने का आदेश करे ,नही तो कानून का भय यदि जालिमो के मन से जाता रहा तो समाज को मुट्ठीभर पुलिस वाले सुरक्षित नही रख पाएंगे । और समाज जयराम होने नही बच सकेगा ।
एक संदेश कानून के सभी रखवालो के लिए —
जलेगी बस्तियां तो आएंगे घर कई जद में ।
यहां पर केवल मेरा जाति मकान थोड़ी है।।
पैसे और रुतबा सब पीछे छूट जाएगा ,यदि कुछ बचेगा तो हो होगा आपका अक्स ,आपके कार्य । अब आपको तय करना है आप बिख्यात होना पसंद करेंगे या कुख्यात । एक बात याद रखिये भूखो के शहर में आनाज वाला भी चैन से नही सोता है और बबूल के पेड़ पर आम नही फला करते ।