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कोरोना आश्रय स्थल पर प्रवासी मजदूर/ कामगार को पिटाई कर भगाया गया
मड़ियाहूँ स्थानीय नगर के कोरोना आश्रय स्थल बीएनबी इंटर कॉलेज पर बनाए गए प्रवासी मजदूरों के आश्रय स्थल पर पेट के खातिर एक प्रवासी मजदूर द्वारा अपने हिस्से का राशन सामग्री किट मांगे जाने पर उसकी पिटाई करने का संगीन मामला संज्ञान में आने और पीड़ित के बयान का वीडियो वायरल होने से तहसील क्षेत्र अपने को शर्मसार महसूस कर रहा है। अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना हरकत पर क्षेत्र के लोग कटु निंदा भी कर रहे हैं।
“कोरोना आश्रय स्थल पर प्रवासी मजदूर/ कामगार को पिटाई कर भगाया गया। कामगार मजदूर काम आज इतनी जल्दी थी वह अपने हिस्से की राशन सामग्री किट की मांग कर रहा था”
बता दे कि मडियाहूँ बीएनबी इण्टर कालेज स्थित कोरोना आश्रय स्थल पर 28 मई को मोहन पुत्र सुखदेव निवासी ग्राम रामनगर नंबर 2, थाना मडियाहूँ का निवासी है जो भिवंडी मुंबई महाराष्ट्र में मजदूर था। कोरोना महामारी की वजह से शासन द्वारा उसे बस के माध्यम से जौनपुर भेजा गया जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा उसे मड़ियाहूँ बीएनबी इंटर कॉलेज कोरोना आश्रय स्थल पर भेज दिया गया। जहां उसकी डॉक्टरों द्वारा जांच की गई और उसे स्वस्थ पाया गया। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित कोरोना महामारी के मद्देनजर जो राहत सामग्री अन्य प्रदेशों से आए हुए मजदूरों को दी जा रही है उसे लेने के लिए लाइन में लगा दिया गया। भूख और प्यास से तड़पते मोहन ने राशन सामग्री किट पाने के लिए लाइन में लगा रहा जब भूख प्यार ने उसका साथ छोड़ना शुरू किया तो आश्रय स्थल पर लगे कोरोना आश्रय इंचार्ज लेखपाल से अपनी पीड़ा बताइए लेखपाल ने कहा कि आप जाओ कुछ खा पी कर आओ तब तक आपका नंबर आ जाएगा और राशन सामग्री किट आपको दे दिया जाएगा क्या हुआ कुछ देर बाद अपनी भूख और प्यास को मिटा कर आया तो कामगार मजदूर मोहन को लेखपाल ने अनाज का पैकेट देने से इनकार कर दिया। मजदूर के बार बार राशन मांगने पर ड्यूटी पर तैनात सिपाही के माध्यम से धक्का देकर बाहर निकलवाने की कोशिश किया गया आरोप है कि जब मोहन ने इसका विरोध किया और राहत सामग्री प्राप्त करना चाहा तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने लाठी-डंडे व घुसे से जमकर पीटाई किया। बाकी मजदूरों के विरोध पर उसकी जान बची। लात घूसों से जमकर पिटाई की चोटे उसके शरीर पर साफ देखा जा सकता है। इस बाबत जब सिपाही से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लेखपाल के कहने पर मैंने उसको गेट के बाहर कर दिया था मारने-पीटने की बात से इनकार कर दिया। इस संबंध में इंचार्ज मनोज यादव लेखपाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राहत सामग्री कामगार मजदूरों को प्रदान की जा रही है जो कि अन्य प्रदेशों से मजदूर आए हुए हैं। भुक्तभोगी पीड़ित मोहन पटेल को राहत सामग्री दी गई कि नहीं, यह बताने से इन्कार कर दिया। इससे लगता है कि शासन की आदेशों का धज्जियां प्रशासन जमकर उड़ा रही है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी मडियाहूं कौशलेश मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है फिर भी संबंधित लेखपाल से बात किया।उसने साफ शब्दों मे कहां ऐसी कोई बात नहीं है।