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- आखिर सोने लाल पटेल की बेटी हूँ आखिरी सांस तक लड़ती रहूँगी- पल्लवी पटेल
आखिर सोने लाल पटेल की बेटी हूँ आखिरी सांस तक लड़ती रहूँगी- पल्लवी पटेल
आखिर सोने लाल पटेल की बेटी हूँ आखिरी सांस तक लड़ती रहूँगी- पल्लवी पटेल
धरने पर बैठीं पल्लवी पटेल
प्रतापगढ़ में गुण्डागर्दी के सामने शासन व प्रशासन अपने आँख-कान-मुँह सब बन्द कर लिये हैं वहाँ लोकतंत्र कोई अर्थ नहीं रखता । वहाँ आये दिन हत्याये की जाती रहती है नियम-कानून, संविधान व मानवता कोई माने नहीं रखता । प्रतापगढ़ में रहना है तो सामन्तो के पैरो तले रहना है उनकी गुलामी करनी है। हमेशा सर झुकाकर चलना है । “कौन कहता है अब लोग परतंत्र नहीं है लड़ाई लड़के तो देखो,स्वतंत्रता जरूर मिलेगी” यहां मुट्ठी भर लोग आजाद है बाकी लोग परतंत्र हैं। दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए अपने को और कमेरों को वैचारिक बनाना होगा, वैचारिक क्रांति लानी होगी। -आनन्द । कमेरा समाज के साथ सदियो से ऐसा ही हो रहा है । क्या कमेरा समाज के सांसद, विधायक, नेता, समाज सुधारक, तमाम संगठन, शासन-प्रशासन में बैठे महानुभाव, उद्योग पति, बिजिनेसमैन आदि लोग अपना मुँह-आँख-कान बन्द किये रहेंगे। क्या यह अन्याय, अत्याचार, आतंक, ब्यभिचार चलता रहेगा ? क्या यह सब सहते रहेंगे ? क्या हाथ पे हाथ बांधे बैठे रहेंगे ? क्या हम मानसिक गुलाम हो गये हैं ? आखिर कब तक। जरा सोचिए ,आपके साथ ऐसा होता तो कैसा लगता। “कभी चिलमन में ये झाके, कभी चिलमन में वो झाके, अरे लगा दो आग चिलमन में ना ये झाके, ना वो झाके। प्रतापगढ़ में हुए घटना के विरोध में अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती पल्लवी पटेल एवं पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी के साथ मुख्यमंत्री आवास पर धरना पर बैठी हुई हैं श्रीमती पटेल ने कहा कि न्याय नहीं मिला तो भुगतने के लिए तैयार रहे, कुछ भी हो सकता है ? कमेरा समाज में आप अकेले ही(कुर्मी समाज) देश में 33 करोड़ से ज्यादा हैं । आप के पास बहुत कुछ है। आप पल भर में ही बहुत कुछ बदल सकते हो ।