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युद्धकाल हो या शांतिकाल देश की हिफाजत मे शहीद हर जवान के परिजनों को मिले समान सुविधा-प्रमोद तिवारी
युद्धकाल हो या शांतिकाल देश की हिफाजत मे शहीद हर जवान के परिजनों को मिले समान सुविधा-प्रमोद तिवारी
सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद ने चिचिहरा मे कारगिल विजय दिवस पर शहीद शशिकांत को अर्पित की पुष्पंाजलि, कारगिल मे तत्कालीन केंद्र सरकार की घोर लापरवाही व खुफिया विफलता पर भाजपा को लेकर हुए तल्ख
फोटो-01 चिचिहरा मे शहीद शशिकांत शुक्ल को पुष्पांजलि अर्पित करते सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी
02 चिचिहरा मे कारगिल विजय दिवस पर शहीद शशिकांत की पत्नी व अन्य पूर्व सैनिकों को सम्मानित करते प्रमोद तिवारी
लालगंज प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने सोमवार को कारगिल विजय दिवस की स्मृति मे देश की रक्षा मे शहीद हुए जवानो को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी सांगीपुर के चिचिहरा गांव पहुंचे और यहां कारगिल शहीद स्व. शशिकांत शुक्ल की समाधि एवं चित्र पर स्वयं तथा क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं प्रमोद तिवारी ने कारगिल विजय पर शहीद शशिकांत की पत्नी उर्मिला तथा अन्य पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम मे शामिल हुए श्री तिवारी ने कहा कि स्व. शशिकांत शुक्ल की कारगिल युद्ध मे शहादत राष्ट्र की सम्प्रभुता तथा सुरक्षा के लिए रामपुरखास का एक अदम्य साहस से भरा स्वर्णिम इतिहास सदैव हमें गौर्वान्वित करता रहेगा। यहां मीडिया से रूबरू हुए प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर वीर जवानो के परिवार को भी किसानो तथा बेरोजगारों व शिक्षको एवं अन्य कर्मचारियों तथा आम आदमी की तरह धोखा देने का करारा प्रहार किया। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस पर जब देश शहीदो को श्रद्धांजलि दे रहा है तो यह सवाल भी सामने है कि भाजपा सरकार ने सैनिको के परिवार को दिये गये वायदे को पूरा क्यांे नही कर पा रही है। उन्होने कहा कि सीआरपीएफ तथा सीमा सुरक्षा बल अन्य अर्धसैनिक बलों के जिन जवानो ने देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहादत दी या आज भी शहीद हो रहे है उनके परिवारजनों की जिस तरह से दुखद व्यथा सामने आ रही है उससे स्पष्ट होता है कि इन जवानो के परिवार को पेंशन तथा जीवनयापन की सुविधाएं कारगिल युद्ध मे शहीद हुए जवानो के परिजनो की तरह नहीं दी जा रही है। श्री तिवारी ने केंद्र सरकार से बलपूर्वक कहा कि वह वन रैंक वन पेंशन की योजना को ईमानदारी से लागू करे और भारतीय सेना तथा अर्धसैनिक बलों के शहीदो के परिजनो को वही सुविधा दी जानी चाहिये जो कारगिल युद्ध के शहीदो के परिवार को मिलती है। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने विजय स्मृति दिवस पर यूपी सरकार को भी कडे अंदाज मे घेरेबंदी के बीच कहा कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने विधानसभा मे उनके आग्रह पर सभी शहीद स्थलो को शहीदो के घर से जोडने तथा विद्यालयो के नामकरण की घोषणा की थी। किंतु अब वे सड़कें जो मण्डी परिषद या अन्य योजनाओं से शहीदो की स्मृति मे बनी थी उनकी मौजूदा सरकार देखभाल नही कर पा रही है। उन्होनें राज्य सरकार से कहा है कि वह मुख्यमार्ग से शहीदो के घर तक जाने वाली सड़को को लोक निर्माण विभाग ने स्थानांतरित कर इन्हें कम से कम सात मीटर चौड़ी बनाये। वहीं शहीद जवानो की स्मृति मे उनके गांवो मे एक विद्यालय खोलकर उसका नाम वीर शहीदों के नाम किया जाय। कारगिल युद्ध 1999 का जिक्र करते हुए प्रमोद तिवारी ने भाजपा की तत्कालीन सरकार की घोर लापरवाही, खुफिया सूचना तंत्र की विफलता और लचर रक्षा एवं कमजोर विदेशनीति को जिम्मेदार भी ठहराया। उन्होने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार की लापरवाही से ही भारत के हजारो वर्ग मीटर भूमि पर कबाइलियों तथा आतंकियो तथा पाकिस्तान की सेना ने कब्जा कर लिया था। यहीं नही पाकिस्तान के नापाक दुस्साहस की कीमत देश को अपने मुकुट हिमालय की पवित्रता के रौंद उठने की हद तक चुकानी पड़ी थी। श्री तिवारी ने कहा कि भारतीय सेना संवेदनशील पहाड़ की उंचाईयों पर कब्जे को हटाने मे साढे पांच सौ से अधिक अपने वीर जवानो तथा अन्य की शहादत देनी पड़ी। वहीं चौदह सौ से अधिक जवान घायल हुये। भारतीय सेना के शौर्य की सराहना करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि जवानो ने अद्वितीय शहादत देकर भाजपा सरकार की भयंकर भूल को सुधारा और भारत माता का मुकुट वापस लाये थे। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कारगिल युद्ध को लेकर तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के संसद मे दिये गये बयान का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री का यह बताना कि भारत देश के भूभाग पर दुश्मन के कब्जे की सूचना चरवाहे से मिली। बकौल प्रमोद तिवारी इससे बड़ी तत्कालीन भाजपा सरकार की असफलता का कच्चा चिटठा क्या हो सकता है। उन्होने कहा कि यूपी के भी वीर जवानो तथा सैनिको एवं रक्षा विशेषज्ञो ने भी यह साफ कहा था कि यदि बोफोर्स तोप न होती तो भारतीय सेना के और कई जवान शहीद हुए होते। श्री तिवारी ने कारगिल के वीर जवानो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लददाख मे चीन की सेना के द्वारा गलवान घाटी समेत अन्य हिस्सो मे देश के बीस जवानो की शहादत पर कब्जा करने की घटना को भी मोदी सरकार की कायरता और चीन के भय से आज भी भारतीय सेना के शौर्य तथा पराक्रम को रोके रखने का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने स्पष्ट कहा कि तमाम वार्ताओं व घोषणाओं के बावजूद दुनिया के सारे सेटेलाइट हमारे भूभाग पर चीन की उपस्थिति दर्ज कराकर हमें लज्जित कर रहे है। यह भी राष्ट्रीय पराक्रम के लिए चिंतनीय है। श्री तिवारी ने वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश मे अभूतपूर्व बिजली संकट तथा घोषित व अघोषित विद्युत कटौती को लेकर भी राज्य सरकार की तल्ख आलोचना की। प्रमोद तिवारी ने सरकार से कहा है कि देश व प्रदेश मे पर्याप्त बिजली की उपलब्धता को देखते हुए खरीफ की फसल की रोपाई को देखते हुए सरकार हर कीमत पर चौबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करे। इसके पूर्व प्रमोद तिवारी ने सावन माह के प्रथम सोमवार को बाबा घुइसरनाथ धाम मे मत्था टेका। उन्होनें मंदिर प्रबंधन समिति से विशेष माह मे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रबन्धों व साफ-सफाई के भी विशेष प्रबन्धों कराए जाने को कहा। इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह बब्लू, लालगंज प्रमुख अमित प्रताप सिंह पंकज, जिपंस अरविंद सिंह, रिंकू सिंह परिहार, लल्लन सिंह, सुधाकर पाण्डेय, रामबोध शुक्ल, डा. अमिताभ शुक्ल आदि रहे।