- Homepage
- ताजा समाचार
- खुटहन ब्लाक में सदस्य ग्राम पंचायत के 1161 पदों पर महज 937 प्रत्याशियों ने ही दाखिल किए है पर्चे
खुटहन ब्लाक में सदस्य ग्राम पंचायत के 1161 पदों पर महज 937 प्रत्याशियों ने ही दाखिल किए है पर्चे
खुटहन ब्लाक में सदस्य ग्राम पंचायत के 1161 पदों पर महज 937 प्रत्याशियों ने ही दाखिल किए है पर्चे
प्रधानों पर भारी पड़ सकती हैं सदस्य पद पर बेरुखी
खुटहन।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया में सदस्य ग्राम पंचायत पदों के लिए लोगो मे बेरुखी दिखी। 95 ग्राम पंचायतों सदस्य ग्राम पंचायत के कुल 1161 पद हैं।लेकिन चुनाव में महज 937 प्रत्यशी ने ही पर्चे दाखिल किए हैं। इसमे से 630 उम्मीदवार निर्बिरोध निर्वाचित हो गए हैं। सदस्य पद पर बेरुखी से 40 ग्राम पंचायतों में चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद छह माह तक नव निर्वाचित ग्राम प्रधान को मोहर लगाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा । ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान पद के लिए प्रत्याशियों को चुनाव जीतने के बाद सदस्य ग्राम पंचायत पद पर बेरुखी भारी पड़ेगी।
ग्राम पंचायतों के मंत्रिमंडल के गठन के लिए दी तिहाई सदस्यों का होना महत्वपूर्ण होता हैं।पँचायत बिभाग के जानकारों का मानना हैं कि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए लोगों को ग्राम प्रधान व सचिव की ओर से विकास कार्यों का क्रियान्यवन के लिए चार समितियों के गठन तक ही सीमित रखा जाता हैं।वर्ष में एक बार बैठक कर ली गई तो उस कार्यवाही में इतने विकास कार्यों को डाल दिया जाता हैं की पांच वर्ष तक सदस्य उपेक्षित ही रहते हैं। बताया गया कि बेरुखी के कारण ही लोगो ने इस बार सदस्य पद से किनारा कर लिया हैं। लोगो की बेरुखी नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को जेब मे रखे रबर स्टाम्प के प्रयोग के लिए महीनों तरसना पड़ेगा। ग्राम प्रधानों की ओर से सदस्यों की उपेक्षा से लोग सदस्य ग्राम पंचायत पद को नजरअंदाज कर दिया।
निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार 1161 सदस्यों के सापेक्ष 937 लोगो ने ही नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके कारण 124 सदस्य ग्राम पंचायत के वार्डों पर किसी ने नामांकन पत्र दाखिल नही किया जो कुल सदस्यों का करीब पचासी प्रतिशत हैं। आंकड़ों से साफ जाहिर हो रहा है कि सदस्यों का उपेक्षा का असर 40 ग्राम पंचायतों पर पड़ रहा हैं। चुनाव नतीजे के बाद उप चुनाव होने पर ही ग्राम पंचायतों में मंत्रिमंडल का गठन संभव हो सकेगा। इसके लिए नव निर्वाचित ग्राम प्रधान को अपने मन मुताबिक लोगो को ग्राम पंचायत के सदस्य पद पर अपने खर्चे से बैठाकर अपना राज चलाएंगे।