विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया गुरुवार को उज्जैन मध्यप्रदेश से कियागया था गिरफ्तार
पुलिस कर्मियों का हत्यारा एवं गैंगस्टर अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर ही एनकाउंटर में मारा जाना कई अनुत्तरित सवाल खड़ा करता है। उज्जैन से खुद की गिरफ्तारी करवाने वाले विकास दुबे ने आज यूपी वापसी के दौरान भागने की कोशिश की ?। इस दौरान पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया। हालाँकि 7 दिनों से उसकी तलाश में लगी यूपी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये थे। कई पुलिसकर्मियों के साथ उसके सम्पर्क थे, वहीं नेताओं से भी उसका सम्बन्ध था। उम्मीद की जा रही थी कि विकास की गिरफ्तारी के बाद कई चेहरों से पर्दे हटेंगे लेकिन विकास की मौत के साथ ही ये राज बनकर दफ़न हो गए।
उज्जैन से महाकाल से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि अब कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। दरअसल, विकास को पहले से एनकाउंटर की जानकारी थी, वहीं इसके पहले भी उसने एक मंत्री की हत्या कर दी थीं। इन सब के बावजूद वह आजाद था। ऐसे में विकास के संबंध कई राजनेताओं और पुलिस के लोगों से होने की बात सामने आ रही थी लेकिन मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब ऐसा कोई खुलासा नहीं हो सकेगा।
कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य बिना राजनीतिक संरक्षण के चलना मुश्किल था। उसपर प्रदेश के बड़े राजनीतिक दलों का हाथ रहा। विकास 15 साल बसपा, 5 साल बीजेपी और 5 साल सपा के साथ रहा था। वहीं पंचायत चुनाव में बसपा के समर्थन में रहा, जबकी उसकी पत्नी को सपा की आजीवन सदस्य्ता मिली थी।
राजनीतिक दलों के संरक्षण में उसने कानपुर में अपना रसूख कायम किया। कई जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए। एक दौर ऐसा आया कि जेल में बंद होने के बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचायत चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजनाथ सिंह की सरकार के कार्यकाल में 11 नवंबर 2001 को कानपुर के थाना शिवली के अंदर विकास दुबे ने मंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, हालाँकि जब कोर्ट में मामला गया तो कई पुलिसकर्मियों ने अपने बयान बदल दिए और वह बरी हो गया।