वाराणसी

बनारस रेल इंजन कारखाना वाराणसी के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न

रेल इंजन कारखाना वाराणसी के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न

 

संस्थान बरेका द्वारा आयोजित पुष्पा खन्ना मेमोरियल निरोगग्राम चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से बरेका की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि श्री सुनील कुमार,अध्यक्ष,संस्थान एवं मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (उत्पादन व विपणन) रहे | विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वामी विवेक चैतन्य, संयोजक,भारत माता मिशन रहे| इस अवसर मुख्य अतिथि ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम मुख्य रूप से हमारे बरेका के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया है। आज 22 अप्रैल है और इस कारखाने का शिलान्यास देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के कर-कमलों से 23 अप्रैल, 1956 को संपन्न हुआ था। वर्तमान में बनारस रेल इंजन कारखाना के नाम से सुविख्यात यह संगठन आज 68 वर्ष पूरा कर रहा है। किसी भी संगठन में केवल प्रशासनिक या तकनीकी कार्य तक ही मनुष्य को सीमित नहीं रखा जा सकता। उसके लिए सामाजिक सरोकारों की गतिविधियों की व्यवस्था भी प्रशासनिक जिम्मेदारी और प्रबंधन में ही आता है। इसी क्रम में वर्ष 1965 में यहां के कर्मचारियों के लिए संस्थान की स्थापना की गई, जिसका अपना एक अलग नियमावली है। अलग भवन है। और एक बहुत ही सक्रिय कार्यकारिणी समिति है, जिसका निर्वाचन संस्थान के लगभग दो हजार सदस्यों द्वारा होता है। वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा समय-समय पर बरेका के कर्मचारियों, उनके आश्रितों और परिवारजनों के लिए अनेक क्रियाकलापों (साहित्यिक,शैक्षणिक,सामाजिक,सांस्कृतिक व खेलकूद) का प्रबंधन कर उनका आयोजन किया जाता है,जिससे आप सभी भली-भांति परिचित हैं।बरेका ने पिछले वित्तीय वर्ष में 475 रेल इंजनों का निर्माण कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है, जो हमारे बरेका के कर्मचारियों के परिश्रम का ही फल है। इस कीर्तिमान में संस्थान भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है। कर्मचारियों द्वारा दिन-रात परिश्रम करने के बाद उनकी अभिरुचि के अनुसार उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराना, उन्हें मनोरंजन प्रदान करना और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप पुस्तके उपलब्ध कराना, इन सारी गतिविधियों का दायित्व संस्थान ने संभाल रखा है। इन दायित्वों को संस्थान समग्र रूप से पूरा कर रहा है और बरेका के उत्पादन कार्य में भी अपना योगदान दे रहा है।संस्थान की गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने और इसके चहुंमुखी विकास के लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आश्वासन देता हूं कि जब भी और जहां भी मेरी जरूरत हो, आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं। और यथासंभव सहयोग का मैं भरोसा दिलाता हूं।

 

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्र्ज्जवलन करके शुभारंभ किया गया इस अवसर पर श्री राजकुमार गुप्ता,उपाध्यक्ष,संस्थान एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी (मुख्यालय), बरेका के वरिष्ठ अधिकारीगण,सभी यूनियनों के पदाधिकारीगण, एससी एसटी एसोसिएशन के पदाधिकारीगण,नार्दन रेलवे कोऑपरेटिव बैंक तथा कर्मशाला कैंटीन के निर्वाचित सदस्य,बरेका कर्मचारी परिषद के संयुक्त सचिव तथा सदस्यगण,संस्थान बरेका की पदाधिकारी श्री अरविंद तिवारी, श्री अखिलेश राय, श्री आनंद कुमार राय, श्री रमेश चंद्र जैसल, श्री अखिलेश कुमार, श्री रविंद्र प्रसाद यादव, श्री आलोक कुमार सिंह इसके अतिरिक्त बरेका के तथा बनारस शहर के गणमान्य नागरिकगण उपस्थित रहे | कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की स्तुति से किया गया | तत्पश्चात भरतनाट्यम(काशी हिन्दू विश्वविधालय के छात्र), मुखड़ा देख ले सानी(सांगीतिक अभिनय डॉ नीरज खन्ना), गंगा तू बहती है क्यों (दिव्यांग बच्चों द्वारा देवा सेंटर डॉतुलसी ), जिस देश मे गंगा बहती है(सांगीतिक अभिनय डॉ नीरज खन्ना), नाटक -गेट वेल सून(रंग मंच,बी एच यू), किसी की मुस्कुराहटो पर(सांगीतिक अभिनय डॉ नीरज खन्ना), म्यूजिक फ्यूजन(निरोग ग्राम), प्रेम की गंगा बहाते चलो(सांगीतिक अभिनय डॉ नीरज खन्ना), तथा राजस्थानी लोक नृत्य (काशी हिन्दू विश्वविधालय के छात्र) इन कार्यक्रमों ने ऐसा मनोहारी दृश्य उत्पन्न किया कि लोग उसमें जैसे खो गए और मंत्रमुग्ध हो कार्यक्रम देखते रहे |

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत श्री रमेश चंद्र,सांस्कृतिक,शैक्षणिक व खेलकूद सचिव,संस्थान तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री अखिलेश कुमार,उप संयुक्त सचिव ,संस्थान ने किया |पूरे कार्यक्रम का संचालन श्री अमलेश श्रीवास्तव तथा पांडुरंग पुराणिक द्वारा किया गया| पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा का संयोजन श्री आलोक कुमार सिंह सचिव संस्थान तथा डॉक्टर नीरज खन्ना द्वारा किया गया।

 

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