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6 राज्यों में पांव पसारने की कोशिश में लगे नक्सली, 10 करोड़ रुपए की लेवी वसूली

*6 राज्यों में पांव पसारने की कोशिश में लगे नक्सली, 10 करोड़ रुपए की लेवी वसूली*

रांची।झारखंड में भाकपा माओवादी भले ही सांगठनिक तौर पर कमजोर है,मगर इस संगठन के सेकेंड इन कमान प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी के बाद भी माओवादियों ने 10 करोड़ से अधिक की लेवी वसूली है।वसूली गई लेवी के पैसे का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भाकपा माओवादी संगठन को खड़ा करने के लिए करना था।इसके लिए कई लोगों को पैसे की डिलीवरी तक हुई थी।झारखंड पुलिस ने हाल ही में माओवादी सैक कमांडर और ओवरग्राउंड वर्कर रहे रूपेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी की थी।रूपेश से पूछताछ में कई सनसनीखेज जानकारियां मिली हैं।रूपेश का नाम पूर्व में पेगासस जासूसी केस में भी आया था।केंद्रीय एजेंसियों पर पूर्व में आरोप लगा था कि व पेगासस के जिए रूपेश पर नजर रखती आ रही थी।

*जानें कौन है रूपेश कुमार सिंह*

रूपेश कुमार सिंह उर्फ रमन उर्फ मनोज उर्फ राज तिलका मांजी विश्वविद्यालय भागलपुर का छात्र रहा था।रूपेश का तब जुड़ाव ऑल इंडिया स्टूडेंड एसोसिएशन से रहा था। 2008 में दिल्ली जाने के बाद रूपेश ने पासपोर्ट ऑफिस में काम किया। रूपेश के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है कि साल 2013 में वो माओवादियों के फ्रंटल संगठन के जीतन मरांडी से मिला था। जीतन मरांडी ने साल 2014 में रूपेश की मुलाकात प्रशांस बोस से कराई थी। 2015 में नक्सल विचारधार के प्रचार का जिम्मा रूपेश को दिया गया। 2018 में ही ईआरसी की बैठक में प्रशांत बोस, शीला मरांडी, प्रयाग और मिसिर बेसरा की मौजूदगी में रूपेश भी बैठक में शामिल हुआ था। प्रशांत बोस को जब अक्टूबर 2020 में इलाज के लिए चोरी-छिपे बंगाल ले जाया गया था, तब भी इलाज पर लगभग 20 लाख रुपए खर्च हुए थे। इन पैसों को रूपेश ने ही माओवादी कुरियर को धनबाद रेलवे स्टेशन पर सौंपा था।

*प्रयाग मांझी की भूमिका*

भाकपा माओवादी के शीर्ष पोलित ब्यूरो सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक की भूमिका लेवी के पैसों के वितरण में रही। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद दिसंबर 2021, फरवरी और अप्रैल 2022 में रूपेश ने पासनाथ के ढोलकट्टा-चीरूबेड़ा का दौरा किया था। वहां उसकी मुलाकात प्रयाग मांझी से हुई थी।

*इन सभी की हुई पहचान*

झारखंड पुलिस को जानकारी मिली है कि बाहर के राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिए कुरियर के जरिए पैसे की डिलीवरी की गई थी। पंजाब में हरविंदर सिंह जलाल उर्फ सुरेंद्र, दिल्ली में अंजनी कुमार मल उर्फ वीरेंद्र और कोलकाता में मुर्शीदाबाद के कुरियर विप्लव के जरिए सब्यसाची गोस्वामी को पैसे की डिलिवरी हुई थी।

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