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Railway: रेलवे के सफर में महिलाओं के लिए मददगार है मेरी सहेली टीम, जानें 139 नंबर से क्या-क्या मिलेगी मदद
Meri Saheli Team News: देश में भारतीय रेलवे (Indian Railway) की किसी भी ट्रेन से सफर करने वाली महिलाओं को यात्रा के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इसके लिए भारतीय रेलवे द्वारा मुहिम चलाई जा रही है. इस मुहिम का संचालन आरपीएफ (Railway Police Force) करता है. आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ट्रेन में अकेले यात्रा कर रही महिलाओं पर नजर बनाए रखती है. खासकर लंबी दूरी वाली ट्रेनों में महिलाओं से संपर्क भी किया जाता है. इस दौरान उनको जागरूक करने और हेल्पलाइन नंबर 139 की जानकारी भी प्रदान की जाती है. आइये जानते हं कि इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं तक कौन-कौन सी मदद पहुंचाई जाती है.
लंबे सफर वाली महिलाओं से संपर्क करती है टीम
देश में कामकाजी और घरेलू महिलाओं का अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्यों तक आना-जाना लगा रहता है. त्योहारों के समय यह गतिविधियां बढ़ जाती हैं. लंबे सफर के दौरान कई महिलाओं को घबराहट होती है तो उनके परिजन उनसे ज्यादा चिंता में पड़े रहते हैं. जब तक सफर सकुशल पूरा नहीं हो जाता, तब तक किसी भी चिंता का समाधान नहीं होता. इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने मेरी सहेली अभियान चलाया है. जिसके तहत विभिन्न स्टेशनों पर मेरी सहेली टीमों का गठन किया गया है. यह टीमें महिलाओं को विभिन्न अपराध से लेकर मदद लेने के लिए हेल्पलाइन के बारे में जागरूक भी करती रहती हैं. इसके अलावा किसी भी परेशानी के दौरान अगर महिलाएं 139 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करती हैं तो उन्हें तुरंत रिस्पॉंस दिया जाता है. हर संभव मदद सफर तत्काल पहुंचाने वाली मेरी सहेली टीम अब तक विभिन्न कार्यों के चलते सुर्खियां भी बंटोर चुकी हैं.
टीम के यह हैं मुख्य कार्य
मेरी सहेली टीम लंबी दूरी की ट्रेनों में लंबा सफर करने वाली महिलाओं की जानकारी जुटाती है. इस जानकारी में पीएनआर नंबर, बोगी संख्या, ट्रेन नंबर आदि शामिल होता है. इसके बाद जब महिलाओं से संपर्क किया जाता है तो उनको मिलने वाली समस्याएं भी दर्ज की जाती हैं. महिलाओं के साथ युवतियों को आपातकाल मदद भी पहुंचाती हैं. गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो या ट्रेन के अंदर बदमाशों को सबक सिखाना हो. हर मामले में यह टीम सक्रिय भी रहती है. युवतियों को नशाखुरानी गिरोह, छेड़छाड़ और किसी अपराध की समस्या के बीच सुरक्षा भी मुहैया कराती है. ऐसे में रेल में सफर करने वाली महिलाएं और युवतियां सुरक्षा का अहसास महसूस कर सकती हैं.
इस टीम ने रूठी महिला-बहनों को भी पहुंचाया है घर
मेरी सहेली टीम की एक मार्मिक झलक यह भी देखने को मिलती है कि देश के विभिन्न हिस्सों घर से रूठकर भागने वाली महिला-बहनों को उनके परिजनों को सौंपा है. गर्भवती महिलाओं की सहायता करना, रास्ता भटक जाने या रूठकर भागने वाली सैकड़ों महिलाओं को काउंसिलिंग के बाद घर पहुंचाया गया है
vaibhavujala.com