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वैश्विक शेयर बाज़ारों के लिए बीते कुछ सप्ताह बेहद तनावपूर्ण रहे हैं और कुछ विशेषज्ञों ने तो मंदी की आहट की चेतावनी भी दी है.

लेकिन अगर आप बिज़नेसमैन नहीं बल्कि आम इंसान हैं तो इन हालातों में ‘बाज़ार’ और ‘शेयर’ का आपके लिए क्या मतलब है?

क्योंकि जिस परिस्थिति से शेयर बाज़ार फिलहाल जूझ रहे हैं वो हम सभी को प्रभावित कर सकते हैं. जानिए कैसे.

मैंने कभी शे य र नहीं ख़रीदे – मुझे क्यों हो चिंता?

आपको लग सकता है कि आपके पास न तो शेयर हैं और न ही आप कभी शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं इस कारण स्टॉक मार्केट में आ रहे तनाव से आप अछूते रहेंगे.

लेकिन स्टॉक मार्केट से मेरा क्या नाता?

शेयरों की क़ीमतें तभी गिरती हैं जब देश में आर्थिक अस्थिरता होती है, जो वित्तीय संकट या कोविड -19 जैसी महामारी के दौरान हो सकती है.

इसका मतलब यह है कि निवेशकों के कंपनियों के शेयर ख़रीदने की संभावना कम है और उनके अपने पैसे बाज़ार से निकाल लेने की अधिक.

पहले अमरीका की बात करें जो विश्व के अन्य बाज़ारों को प्रभावित करता है.

सोमवार को, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के कारण लगाई गई राष्ट्रव्यापी इमरजेंसी के बारे में कहा कि ये गर्मियों के अंत तक या उससे भी आगे जारी रह सकती है.

इससे निवेशकों में ये संकेत गया कि आर्थिक गतिविधि कम से कम अगले चार महीनों तक धीमी ही रहेगी.

इसका बड़ा प्रभाव पड़ा क्योंकि सप्लाई चेन के माध्यम से पूरा वैश्विक बाज़ार ही आपस में जुड़ा है.

पश्चिमी देशों के अलावा विश्व के लिए इसके क्या माायने हैं?

विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता अमरीका है और अगर वहां लोग घर से काम करते हैं और अपना ख़र्च कम कर लेते हैं, तो इसका असर उत्पादन करने वाली और सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों पर पड़ता है.

हो सकता है कि ये उपभोक्ता अमरीका में हो लेकिन वो जिस सामान का इस्तेमाल करता है उनका उत्पादन अमरीका में या फिर उसमें से कुछ का उत्पादन भारत और चीन में होता हो.

मांग में कमी आई तो उसका असर इन देशों में काम करने वालों पर पड़ता है.

क्या इसका असर मेरी नौकरी पर होगा ?

ऐपल, नाइकी और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दर्जनों बड़ी कंपनियां पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि महामारी की मार उनके राजस्व पर पड़ेगी.

इन कंपनियों ने कहा है कि उत्पादन में कटौती या इमारतों को बंद किया जा सकता है.

लेकिन सभी जानते हैं कि कंपनियों को चलाए रखने के लिए आमतौर पर सबसे पहले नौकरियां ही जाती हैं.

तो ऐसे में स्थिति और बिगड़ी तो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और उद्योगों पर प्रभाव पड़ सकता है और शायद आपकी नौकरी पर भी.

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